सुन कान्हा ओ कान्हा मैं तेरी राधा सुन कान्हा। सुन कान्हा ओ कान्हा मैं तेरी राधा सुन कान्हा।
जब से तुम संग खेली होली। जब से तुम संग खेली होली।
साहित्य में राधा-मीरा को, सम्मान मिला रुक्मणी की वेदना को, क्या कोई स्थान मिला ? साहित्य में राधा-मीरा को, सम्मान मिला रुक्मणी की वेदना को, क्या कोई स्थान मिला ...
कभी पतझड़ सा और कभी बसंती तड़ाग है। कभी पतझड़ सा और कभी बसंती तड़ाग है।
इतनी बात बताने आये जग में तुलसीदास जन आम को। इतनी बात बताने आये जग में तुलसीदास जन आम को।